नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का संघर्ष काफी पुराना है-अरुण कान्त शुक्ला
20 एवं 21 फरवरी को होने वाली यह पंद्रहवीं हड़ताल दुनिया के कोने कोने में नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ चल रहे संघर्षों का हिस्सा है। इसमें केवल मजदूरों की मांगें नहीं हैं, यह हड़ताल देश के उन करोड़ों लिए है , जो रात दिन खटते हैं लेकिन दो जून की रोटी सम्मान के साथ जुटा पाना जिनके लिए दुश्वार होता है। यह नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ कामगारों गुस्सा है
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