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रविवार, 19 मई 2013

पूरा देश एक कैसीनो ...

IPL में इस वर्ष भी फिक्सिंग का खुलासा हुआ और सदा की तरह तमाम लाभान्वित वर्ग इसकी लीपापोती में लग गए । आश्र्चर्य होता है जब हर घोटाले पर एक दूसरे को नंगा तक कर देने वाले राजनैतिक दल IPL के मामले पर बड़ी सदी बधी टिप्पणियों के साध मीडिया में आते हैं । पदाधिकारी, आयोजक, फ्रैंचाइसी और  खिलाडियों से लेकर मीडिया तक इस मामले में गजब की चालाकी के साथ पूरे आयोजन को पाक साफ बता व्यक्ति विशेष की नीयत और भागीदारी पर केन्द्रित बहस को प्रयोजित करने लगता है । आखिर कोई और कर भी क्या सकता है....चाहे राजीव शुक्ला हों या अरुण जेटली एस मुद्दे पर दोनो एकमत हो जाते हैं....और हद तो तब है जब सिद्धू जैसे लोग ये तक कह देते हैं कि जब देश की संसद ही पाक साफ नहीं है तो क्या किया जा सकता है....यानि कल को कोई हमारे अड़ोस पड़ोस में चोरी चकारी करे तो वह कह सकता है कि देश में संसद से लेकर क्रिकेट तक में सब चल रहा है तो मुझे क्यों दोषी करार दे रहे हो
    एक बात बिल्कुल साफ है कि पूरा देश एक कैसीनो में तब्दील हो चुका है ...एक खुला कैसीनो....हमें इस बात पर गौर करना चाहिए कि इसके  आयोजन में अंतर्राष्ट्रीय सट्टेबाजों की क्या भूमिका है ...क्योंकि यूरोप में फुटबाल और अमरीका में बास्केटबाल की लीग भी सट्टेबाजों के चंगुल में बुरी तरह फंसी हुई है....हमारे देश में चूंकि क्रिकेट पापुलर है अतः लीग के लिए इसे चुना गया ....यह बात भी गौरतलब है कि शारजाह , जहां "डी".गैंग के साए में क्रिकेट होता रहा , के पश्चात अंतर्राष्ट्रीय माफिया क्रिकेट के सट्टे के लिए एक उपजाऊ व उर्वर देश की तलाश में था जिसके लिए  भारत जैसे उपयुक्त देश से बेहतर ऐर कौन सी जगह होती.....विश्व चैंपियनशिप में विजय भी संभवतः इसी प्लान का एक अंग था...... आज  बस्तर के कोंटा से लेकर देश की राजधानी, कस्बों और महानगरों में रोज सट्टे के मामले सामने आ रहे हैं...कहीं कोई सटोरियों को पैसे चुकाने अपने ही भाई का अपहरण कर उसका खून कर रहा है तो कहीं कोई अपनी बीबी से मारपीट कर उसके गहने बेचकर सट्टे के खेल में शामिल हो रहा है.....इन सब हकीकत से मुंह फेरे हमारे नेता और मीडिया भी IPL को देश में एक क्रांति की तरह प्रस्तुत करने की साजिश में लगा हुआ है....वह दिन दूर नहीं जब हमारे देश में भी  सट्टेबाजी को वैधानिक दर्जा मिल जाएगा जिसकी मांग यह कहकर उठाई ही जा रही है कि इसे लीगल कर देने से सरकार को भारी राजस्व मिलेगा और गैरकानूनी सट्टेबाजी पर नकेल कसी जा सकेगी .....अब तो हर मैच संदेहास्पद लगने लगा है और हर खिलाड़ी संदिग्ध......ये आग इतनी जल्दी बुझने वाली नहीं है ....एक नशे की तरह फैलती  इस बुराई पर यदि तत्काल कोई कड़े कदम नहीं ुठाए गए तो इसे रोक पाना असंभव हो जाएगा .