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गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

.IPL के लिए सब माफ कर दिया

अब तो हद ही दो गई ...आखिर सरकार को जनता के पैसे इस तरह लुटाने का हक कैसे दिया जा सकता है...IPL के लिए सब माफ कर दिया फिर अब चौके छक्कों और हैट्रिक पर सरकारी ईनाम की घोषणा???  आखिर करदाताओं के पैसे से इस तरह का खिलवाड़ ...यह पूरी तरह गैरवाजिब है..तानाशाही है...एक ऐसे मैच के लिए जिसका न तो कोई अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड होता है और न कोई मान्यता ..यह आयोजन पूरी तरह व्यवसायिक है और ऐसे ओयोजन के लिए  कोई लोकतांत्रिक सरकार किस तरह ऐसे ऊलजुलूल फैसले ले सकती है.......कहां है हमारा जागरूक विपक्ष और फेसबुकिया क्रांतिकारी जो केन्द्र सरकार के हर फौसले के खिलाफ जहर उगलते हैं ....धत तेरे की...

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