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शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

कामरेड गोविंद पानसारे को लाल सलाम ...........

मगर उनका ज़स्बा और विचारधारा अजर अमर है कामरेड मरते नहीं हैं दुश्मन ये जान ले .....

कामरेड गोविंद पानसारे को लाल सलाम ...........

गोलियों से तेज चलते हैं विचार
मैं घिरा हुआ हूं
असंख्य आतताइयों से
जो भून देना चाहते हैं मुझे
पहले ही वार में ,
बारूद के असीमित जखीरे के मुकाबिल
विचारों से लैस हूं मैं,यथासंभव ।
जंग जारी है
विचार और औजार की
हर मोर्चे पर
सदियों से अनवरत,असमाप्य ।
मैं जानता हूं , कि ऊ र्जा
हुए जाते हैं विचार ,और
कहीं ज्यादा भयभीत हुए जाते हैं वो,
जो छलनी कर देना चाहते हैं मुझे ।
पर मैं आश्वस्त हूं
कि ऊर्जा अविनाशी है, और
गोलियों से तेज चलते हैं विचार ।
जीवेश प्रभाकर..

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